Saturday, June 7, 2025
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Ratneshwar Mandir: बनारस के इस झुके हुए मंदिर का रहस्य?

Ratneshwar Mandir Kaise Jaye: बनारस का अनसुना रहस्यकाशी यानि बनारस अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए पुरे भारत में फेमस हैं। यहां देश-विदेश से हर साल लाखों लोग गंगा घाट की आरती देखने, घाट घूमने तथा मंदिरों के दर्शन करने आते हैं। 

ऐसे तो बनारस में कई सारे मंदिर हैं लेकिन Ratneshwar Mandir जैसा कोई और मंदिर नही हैं क्योंकि यहां के सभी मंदिर सीधे खड़े हैं लेकिन यह पीसा के मीनार (लिनिंग टॉवर ऑफ पीस) से भी ज्यादा झुका हुआ 9 डिग्री पर टिल्ट हैं। इस मंदिर का झुकाव ही इसके खूबसूरती में चार चांद लगता हैं और अन्य मंदिरों से खास बनता हैं।

साथ ही, यह मंदिर लगभग 400 सालों से गंगा नदी के अंदर करीब 12 से 15 फीट की गहराई में डूबा हुआ हैं। बनारस तो हर साल लाखों लोग आते हैं लेकिन कोई भी इस मन्दिर में पूजा करने के लिए नही जाते हैं क्योंकि यह माना जाता है की यह मंदिर शापित हैं और यहां पूजा करने वाले को मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं लेकिन आपकों जान कर ताजुब होगा कि यहां कोई जल चढ़ाने जाए या ना जाए लेकिन स्वयं मां गंगा शिवजी को जलाभिषेक करती हैं।

कई सारे रिसर्चर के दिमाग में तरह-तरह के सवाल आते हैं कि क्या Ratneshwar Mandir जब बना तब ही यह 9 डिग्री झुका हुआ था या फिर क्या हैं इसके पिछे का इतिहास।

इस मंदिर को देखकर आपके मन में यह सवाल उठेगा की आखिर यह मंदिर टेढ़ा क्यों हैं और इसे ऐसा किसने बनाया। अगर आपके भी मन में आता हैं ये सारी बातें तो इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े क्योंकि इस लेख के माध्यम से हम आपको 9 डिग्री पर झुके हुए Ratneshwar mandir के आश्रयजनक तथ्यों और उसके इतिहास के बारे में बताएंगे जिसको जानकर आप हैरान हो जाएंगे। साथ ही, आपको यह भी बताएंगे कि आप इस 9 डिग्री पर झुके तथा पानी में डूबे हुए खूबसूरत मंदिर तक कैसे जाएं।

Ratneshwar Mandir के झुके होने का इतिहास 

काशी का इतिहास कितना पुराना हैं इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता। कहते हैं कि काशी वो जीवन्त शहर हैं जिसको खुद देवो के देव महादेव ने बसाया था। काशी में स्थित Ratneshwar Mandir जो कि महादेव को समर्पित हैं जिसे मातृ-रिन महादेव, बनारस का झुका हुआ मंदिर तथा काशी करवट इत्यादि और कई अलग-अलग नामों से जाना जाता हैं। इस मंदिर के झुके होने के पिछे भी कई कारण बताए जाते है।

लोगों का कहना है कि महारानी लक्ष्मीबाई होल्कर ने काशी में कई मंदिर और कुंडो का निर्माण करवाया था उनके शासनकाल में रत्नाबाई नाम की दासी ने मणिकर्णिका कुंड के सामने शिव मंदिर की इच्छा जताई और इस मंदिर को बनवाया। रानी ने कहा इस मंदिर को बनवाना लेकिन इसे अपना नाम मत देना पर दासी ने इस मंदिर को अपना नाम दे दिया। कहते हैं कि रानी ने श्राप दिया कि इस मंदिर में पूजा अर्चना कभी नहीं होंगी। कुछ समय बाद इस मंदिर का घाट पूरी तरह से टेढ़ा हो गया बाद में इसे सीधा करने की कई बार कोशिश हुई पर यह सीधा नही हुआ।

कहते हैं कि सिंधिया घाट पर राजा के सेवक ने राजस्थान समेत देश के कई स्लीपकारों को बुलाकर अपनी मां के नाम से महादेव का मंदिर बनवाना शुरु किया था। मंदिर बनने के बाद वह मां को लेकर वहां पर आया और बोला तेरे दूध का कर्ज मैने उतार दिया हैं। यह कहते ही मंदिर एक और झुक गया जिससे यह साबित हो गया कि मां के दूध का कर्ज नही चुकाया जा सकता हैं।

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस मंदिर का ढांचा काफी भारी भरकम हैं। यह मंदिर नीचे की ओर बना हैं और यह महीनों भर पानी में डूबा ही रहता हैं इसलिए यह एक तरफ झुक गया है लेकिन इस पर भी एक सवाल उठता है की इस मंदिर को एक तरफ झुकते हुए नीचे गिर जाना चाहिए क्योंकि यह मंदिर 6 से 8 महीने तक पानी में लगातर डूबा रहता हैं लेकिन यह आज तक ऐसे ही टेढ़ा है जैसे की सदियों पहले था। इस मंदिर के झुके होने का रहस्य आज भी एक उलझी हुई कहानी है।

Ratneshwar Mandir Kaise Jaye

Ratneshwar Mandir kaise jaye
Train se ratneshwar mandir kaise jaye

Ratneshwar Mandir तक पहुंचने के लिए सबसे पहले आपकों महादेव की नगरी काशी यानि वाराणसी में पहुंचना होंगा क्योंकि यह मंदिर काशी में ही विराजमान हैं।

Train se ratneshwar mandir kaise jaye

वाराणसी में दो रेलवे स्टेशन आते हैं जहां भारत के लगभग सभी हिस्सों से ट्रेन आता हैं जिसके माध्यम से आप आसनी से वाराणसी पहुंच सकते हैं-

1. वाराणसी जंक्शन

यह बनारस का सबसे प्रमुख स्टेशन हैं, सबसे अधिक ट्रेन यही आती-जाती हैं। यह भारत के लगभग सभी शहरों के रेलमार्ग से जुडा हुआ हैं। यह बनारस के केंट नामक जगह पर स्थित है इसलिए वहां के लोग इसे 

केंट स्टेशन के नाम से भी जानते हैं। यह काशी विश्वनाथ मंदिर से लगभग 3km की दूरी पर हैं। आप वाराणसी जंक्शन पर आने के बाद ऑटो रिक्शा से या फिर पैदल काशी विश्वनाथ मंदिर के पास पहुंच सकते हैं।

2. मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन

मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन जिसे बनारस रेलवे स्टेशन के नाम से भी जाना जाता हैं। यह काशी विश्वनाथ मंदिर से लगभग 3 से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां से आप ऑटो रिक्शा से या फिर पैदल चल कर आ सकते हैं।

इसके अलावा, मुगलसराय स्टेशन जिसको पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाता हैं जो काशी विश्वनाथ मंदिर से 30 km की दूरी पर हैं। यह बहुत ही पुराना रेलवे स्टेशन हैं जो भारत के सभी शहरों से जुडा हुआ हैं, जहां भारत से अधिकांश ट्रेनों का आवागमन होता हैं। आप इस स्टेशन पर भी पहुंच कर लोकल ट्रांसपोर्ट के द्वारा 30 से 35 मिनट में बनारस पहुंच सकते हैं।

Flight se ratneshwar mandir kaise jaye

वाराणसी का लोकप्रिय एयरपोर्ट लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो देश के लगभग सभी छोटे-बड़े शहरों से जुडा हुआ है। आप अपने नजदीकी हवाई अड्डा से वाराणसी के लिए उड़ान भर सकते हैं और कम समय में वाराणसी एयरपोर्ट पर पहुंच सकते हैं और वहां से 24 से 25 km की दूरी पर काशी विश्वनाथ मंदिर हैं जहां आप ओला, कैब या ऑटो रिक्शा से पहुंच सकते हैं 

Road se ratneshwar mandir kaise jaye

अगर आप अपने खुद के साधन बाइक, टैक्सी या फिर कार से जाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको वाराणसी पहुँचना होगा फिर वहां से आप श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे क्योकि यहाँ से ratneshwar mandir सिर्फ 1 किलो मीटर हैं।

Bus se ratneshwar mandir kaise jaye

वाराणसी के पास कई परिवहन बस सेवाएं हैं जहां शहर के अलग-अलग हिस्सों से बस आती हैं। आप अपने नजदीकी बस स्टैंड से आसानी से वाराणसी पहुंच सकते हैं। वाराणसी का मुख्य बस स्टैंड वाराणसी रेलवे स्टेशन के पास ही है जहां से आप लोकल ट्रांसपोर्ट के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचने के बाद आप नजदीकी घाट के पास जाए और घाटों के माध्यम से पैदल चलकर Ratneshwar Mandir तक पहुंच सकते हैं जो कि मणिकर्णिका घाट और सिंधिया घाट के बीच स्थित है।

अगर आप कभी काशी यात्रा पर जाएं तो मणिकर्णिका घाट और सिंधिया घाट के बीच स्थित Ratneshwar Mandir की यात्रा करना न भूलें।

Ratneshwar Mandir में घूमने के लिए बजट 

नीचे हमने रत्नेश्वर मंदिर की यात्रा के लिए एक बजट प्लान दिया है, यह आपके जरूरत के हिसाब से घट या बढ़ सकता हैं।

अगर आप 2 दिन और 1 रात का टूर प्लान करते हैं तो आपका बजट निम्न हो सकता हैं।

धर्मशाला(2 दिन 1 रात) – 400-500 रुपए का एक दिन, तो अगर आप 2 दिन का बजट लेकर चले तो 1000 से 1200 रुपए तक आएगा।

होटल (2 दिन 1 रात) – 1000-1500 रुपए का एक दिन, तो अगर आप 2 दिन का बजट लेकर चले तो 3000 से 3500 रुपए तक आएगा।

भोजन – 100-150 रुपए एक समय का भोजन, तो अगर आप 2 दिन 1 रात रुकते हैं तो आपका कुल बजट 800 से 900 आ सकता हैं।

Ratneshwar Mandir Kaise jaye

यह भी पढ़े:

  1. Somnath Mandir Kaise Jaye: Train, Flight, Road से जाने का तरीका | बजट | समय
  2. Badrinath Dham Kaise Jaye: Train, Flight, Road से जाने का तरीका [पूरा गाइड]

FAQs:

1. Ratneshwar Mandir कहां स्थित हैं?

यह मंदिर मणिकर्णिका घाट और सिंधिया घाट के बीच स्थित है।

2. Ratneshwar Mandir के झुके होने का क्या कारण है?

इस मंदिर के झुके होने के पिछे कई कारण हैं, जैसे कि महारानी लक्ष्मीबाई holkar और राजा के सेवक द्वारा मंदिर का निर्माण कराया जाना।

3. Ratneshwar Mandir कैसे पहुंचा जा सकता है?

आप मंदिर तक रेल, हवाई जहाज, बस, या अपने वाहन से पहुंच सकते हैं।

4. Ratneshwar Mandir की यात्रा कैसे की जा सकती है?

Ratneshwar Mandir की यात्रा के लिए पहले काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचें, फिर नजदीकी घाट के पास जाएं और घाटों के माध्यम से पैदल चलकर Ratneshwar Mandir तक पहुंचें।

5. Ratneshwar Mandir में पूजा क्यों नही की जाती हैं?

रत्नेश्वर मंदिर पूजा करने से इंकार किया जाता हैं क्योंकि इसे शापित माना जाता है और यहां पूजा करने वाले को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

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